विमानपत्तनम् | अनामिका
विमानपत्तनम् | अनामिका
मेरी इन
कोल्हापुरी चप्पलों का
अकड़ा हुआ
कीचड़
एयरपोर्ट के इस
महाचकाचक फर्श पर
वैसे ही टिमक रहा है
जैसे पग्गड़
किसान का
दकमता है
कृषि-भवन के
पोस्टर पर।
‘परिचारिका’ में परी
दीर्घ इकार भूलकर
हो जाती है
क्योंकर छोटी इ ?