तीर्थजल | ए अरविंदाक्षन
तीर्थजल | ए अरविंदाक्षन
मेरी स्मृति में
जल
एक पनियल साँप है
जो मुझे डराता रहता था।
बचपन में
जल
खेतों के बीच
उफनता नाला है
मेरी पुस्तकों की थैली को भिगोता था
खाने के डिब्बे को डुबोता था
मेरी स्मृति में
जल
तीर्थजल भी है
जिसमें सब के लिए शुभ कामनाएँ हैं
उस जल को
मैं अपने शीर्ष पर
डालता हूँ।