तीर्थ | मुंशी रहमान खान

तीर्थ | मुंशी रहमान खान

हरिद्वार काशी गया बद्रीनाथ केदार।
कैलाश अवध अरु द्वारका प्रयागराज सरदार।।
प्रयागराज सरदार श्रेष्‍ठ अति सुरसरि धारा।
सब करैं अघ नाश यही ग्रंथन उच्चारा।।
कहैं रहमान धर्म बिनु पाले नहिं रीझैं करतार।
बिनु रीझे करतार के नहीं मिले हरिद्वार।।

See also  एक झीना सा पर्दा था | गोरख पाण्डेय