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हूक | चंद्रगुप्त विद्यालंकार

हूक | चंद्रगुप्त विद्यालंकार – Huk हूक | चंद्रगुप्त विद्यालंकार जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोरगुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराँची एक्सप्रेस जिस […]