Posted inPoems

सर्वोत्तम उद्योग | अवनीश सिंह चौहान

सर्वोत्तम उद्योग | अवनीश सिंह चौहान सर्वोत्तम उद्योग | अवनीश सिंह चौहान छार-छार होपर्वत दुख काऐसा बने सुयोग गलाकाट इस‘कंप्टीशन’  मेंमुश्किल सर्वप्रथम आ जानाशिखर पा गए किसी तरह तोमुश्किल है उस पर टिक पाना सफल हुए हैंइस युग में जोऊँचा उनका योग बड़ी-बड़ी‘गाला’  महफिल मेंकितनी हों भोगों की बातेंऔर कहीं टपरे के नीचेसिकुड़ी हैं मन […]