सूरज मियाँ | प्रतिभा गोटीवाले

सूरज मियाँ | प्रतिभा गोटीवाले

सूरज मियाँ … 
सीख लो तुम भी 
बिजली के इन तारों पर 
चलना उछलना 
सर्कस के ट्रीपीस आर्टिस्ट की तरह 
क्योंकि अब, 
न तुम्हारे जाने से रात होती है 
न तुम्हारे आने से सुबह 
तुम्हारे जाते ही अब 
हजारों बल्ब और नियोन 
के सूरज उगाए 
जागता है शहर 
और मोटे मोटे पर्दों की आड़ में 
भर दोपहर तक 
टिकी रहती हैं घरों में रात 
इनसान की रफ्तार 
बहुत तेज हैं मियाँ ! 
जाने कब ईजाद कर ली जाए धूप ! 
जाने कब तुम कर लिए जाओ ट्रैप 
टेक्नॉलोजी के पिंजरे में 
फिर इससे पहले की 
इनसानी रिंग मास्टर सिखाए तुम्हें 
उसकी सहूलियत से बुझना जलना 
बेहतर हैं खुद ही सीख लो 
बिजली के इन तारों पर 
उछलना, चलना…।

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