सूरज के घोड़े
सूरज के घोड़े

सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं
टापों की खटकार सुनाकर तम को मार भगाते हैं
कमल-कटोरों से जल पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं
सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।

READ  मर्दानगी | दीपक मशाल

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *