समझौता | दिव्या माथुर
समझौता | दिव्या माथुर
एक अदृष्ट
समझौता है
परिवार के बीच
यदि मैंने ज़ुबान खोली
तो वे समवेत स्वर में
मुझे झुठला देंगे
झूठ की
ओढ़नी में लिपटी
मैं खुद से भी
रहती हूँ छिपी।
समझौता | दिव्या माथुर
एक अदृष्ट
समझौता है
परिवार के बीच
यदि मैंने ज़ुबान खोली
तो वे समवेत स्वर में
मुझे झुठला देंगे
झूठ की
ओढ़नी में लिपटी
मैं खुद से भी
रहती हूँ छिपी।