सात समंदर सामने | राजकुमार कुंभज
सात समंदर सामने | राजकुमार कुंभज
सात समंदर सामने
पीने के पानी को तरसता हूँ
पानी भरे बादल-सा गरजता हूँ
चट्टानों पर बरसता हूँ
और फिर जा मिलता हूँ
समंदर से।
सात समंदर सामने | राजकुमार कुंभज
सात समंदर सामने
पीने के पानी को तरसता हूँ
पानी भरे बादल-सा गरजता हूँ
चट्टानों पर बरसता हूँ
और फिर जा मिलता हूँ
समंदर से।