प्रणय | ए अरविंदाक्षन
प्रणय | ए अरविंदाक्षन
प्रणय
जल प्रवाह जैसा
मुझे प्रलोभित कर रहा है
मैं प्रणय में हूँ
मैं जल में हूँ
मैं जल प्रवाह में हूँ
अब बहना ही है
जल की तरह
अहोरात्रि
अनुस्यूति।
प्रणय | ए अरविंदाक्षन
प्रणय
जल प्रवाह जैसा
मुझे प्रलोभित कर रहा है
मैं प्रणय में हूँ
मैं जल में हूँ
मैं जल प्रवाह में हूँ
अब बहना ही है
जल की तरह
अहोरात्रि
अनुस्यूति।