उर्मिला शुक्ल
उर्मिला शुक्ल

पतझर में खिले
फूल सेमर के
कहते हैं मुझसे
जिओ तुम
मेरी तरह।

खींच लो
पाताल से
जीवनरस
खिलो और
खिलखिलाओ
मेरी तरह।

बहुत आसान है
आँसू बहाना
दुख को गलाकर
गुनगुनाओ
मेरी तरह।

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