पत्थर सा सफेद | ऐना अक्म्टोवा

पत्थर सा सफेद | ऐना अक्म्टोवा

कुएँ की शांत गहराई में पड़े एक सफेद पत्थर सी, 
मुझमें बसी है एक अद्भुत याद 
इसे भुला नहीं पा रही हूँ और न ही ऐसा करना चाहती हूँ : 
मेरी यातना और अथाह खुशी है यह 
मुझे लगता है, जिसकी भी नजरें झाँकेंगी 
मेरी आँखों में, वह देख लेगा इसे संपूर्णता में एकबारगी 
सोच में डूब जाएगा और उदास हो जाएगा 
किसी की जीविका भत्ते की एक कहानी सुनने से कहीं ज्यादा 
मैं जानती थी : ईश्वर ने एक बार पागलपन में बदल दिया था, 
लोगों को वस्तुओं में, उनकी चेतना छीने बिना 
तुमने मुझे मेरे संस्मरण बना दिया है 
अलौकिक उदासी को शाश्वत बनाने के लिए

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