मिट्टी के भीतर | ए अरविंदाक्षन
मिट्टी के भीतर | ए अरविंदाक्षन
अपनी मिट्टी पर
खड़े रहो अपने पैरों पर
यह मिट्टी तुम्हारी भले हो कठोर
पर
उसके भीतर
ध्यान से सुनो कान लगाकर
जल का स्वर
संगीत सस्वर
जीवन का आधार।
मिट्टी के भीतर | ए अरविंदाक्षन
अपनी मिट्टी पर
खड़े रहो अपने पैरों पर
यह मिट्टी तुम्हारी भले हो कठोर
पर
उसके भीतर
ध्यान से सुनो कान लगाकर
जल का स्वर
संगीत सस्वर
जीवन का आधार।