लेखक | नेहा नरूका
लेखक | नेहा नरूका

लेखक | नेहा नरूका

लेखक | नेहा नरूका

लेखक लंबे समय से एक अच्छी कविता लिखना चाहता है
पर चूँकि वह लेखक है
इसलिए ही शायद
हर बार लिख देता है वह लेख या एक बुरी कविता
उसकी कविता में
उन भावों
उन संवेदनाओं
उन तर्कों की सख्त कमी दिखती है
जो उसके गाँव में
उसकी बीवी के मन में
उग रही होती हैं
चूल्हा फूँकते वक्त

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