लीला | मणि मोहन
लीला | मणि मोहन
सपनों ने आवाज दी
कि चलो
और पीछे-पीछे चल दी कविता
साथ में कुछ जुगनू
विचारों के
जलते-बुझते
धरती-आसमान
चाँद-सितारे
रात-दिन
सब तमाशबीन
कि बस
शुरू होने वाली है
एक लीला
भाषा के बीहड़ में।
सब कुछ हिंदी में
लीला | मणि मोहन
सपनों ने आवाज दी
कि चलो
और पीछे-पीछे चल दी कविता
साथ में कुछ जुगनू
विचारों के
जलते-बुझते
धरती-आसमान
चाँद-सितारे
रात-दिन
सब तमाशबीन
कि बस
शुरू होने वाली है
एक लीला
भाषा के बीहड़ में।