आयुर्वेद के अनुसार शरीर के लिए वही खाद्य श्रेष्ठ है जो स्थानीय मिट्टी और मौसम में उगता आया है ।

शरीर को स्वस्थ रल्हन के लिए आपको स्थानीय और मौसमी भोजन को ही प्राथमिकता देनी चाहिए ।

अब बात करते है सोयाबीन की..

सोयाबीन जिसके बारे में कहा जाता है कि शाकाहारी भोज्य पदार्थों में से सर्वाधिक प्रोटीन इसमे पाया जाता है

See also  गाजर आंखों के लिये कितना लाभदायक है?

क्या आप इससे सहमत है यदि हाँ तो सोचिये की टीबी की बीमारी में (जो लोग मांसाहार का सेवन करते है उन्हें अंडा लेने के लिए कहा जाता है जबकि ) जो लोग मांसाहार का सेवन नही करते (शाकाहार) उन्हें मूंग 【अंकुरित (मुख्यतः) , मूंग दाल , दाल पानी , इसके अन्य उत्पाद 】का सेवन करने के लिये क्यों कहा जाता है उन्हें सोयाबीन के लिए भी तो कहा जा सकता है , यहाँ तक कि एलोपेथी के चिकित्सक (अंग्रेजी डॉक्टर) भी मूंग के लिए कहते है

See also  कच्चा दूध पीने के क्या फायदे हैं?

क्योंकि सोयाबीन ,मानाकि प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है, एक अमेरिकन फसल है जो भारत के लोगों के लिए उपयुक्त नही है तथा इसमें उपस्थित प्रोटीन इंसानी शरीर के लिए हानिकारक है।

अमेरिका में मांसाहार प्रमुख रूप से अपनाया जाता है जिसमे भी सुअर प्राथमिकता है, सुअरो का पाचन तंत्र बहुत शक्तिशाली होता हैजो लगभग सभी प्रकार की वनस्पति को आसानी से पच लेते है इन सुअरो का वजन (अधिक मांस प्राप्ति ) के लिए उन्हें वहाँ मक्का एवं सोयाबीन खिलाई जाती है ।

See also  १० मस्तिष्क तथ्य जो साबित करते हैं कि हम कुछ भी करने में सक्षम हैं

अब आप स्वयं अंदाज लगा सके है कि सोयाबीन आपको फायदा करेगी या नुकसान।