कुछ सवाल | पंकज चतुर्वेदी

(सईद अख़्तर मिर्ज़ा की फ़िल्म नसीम‘ देखकर)

ख़ुशी के चरम बिंदु पर
इनसान को
दुख की आशंका क्यों होती है

ताजमहल देखकर
यह क्यों लगता है
उसे किसी की नज़र न लगे

हिंदू घरों में औरतें
जलाई क्यों जाती हैं
मुसलमान घरों में
तलाक़ का रिवाज क्यों है

See also  सात सुरों में पुकारता है प्यार | गोरख पाण्डेय

क्या तुम जानते हो
कविता को उसके संदर्भ से काटकर
शाइर के अस्ल मानी
बदलना गुनाह है

तहज़ीब और शख़्सीयत
यादों का कारवाँ है
तो तेरी तहज़ीब
मेरी भी क्यों नहीं है

मेरे होने में
तू भी शामिल है
तो यह आपस का
झगड़ा क्यों है