क्यों पैदा कर दी तुमने 
एक बार पुनः जीने की इच्छा 
मेरे जीवन की विशाल बंजर 
जमीन पर 
तुम उग आई हो 
बनकर खूबसूरत फूल

तुम्हारे प्यार के विशाल 
घने वृक्ष के नीचे 
अपने उत्तप्त जीवन में 
मैंने पा लिया है शीतल छाँह 
बैठूँगा कुछ देर 
इसी घनी शीतल छाँह के नीचे 
कहूँगा अपनी मौत से भी 
कर ले कुछ देर प्रतीक्षा 
अपनी प्रेमिका की बाँहों से हटने की 
अभी एकदम नहीं है इच्छा। 
इनकी नन्हीं साँसों से 
अलग करने को अपनी साँसों को 
अभी नहीं है इच्छा!

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