कभी इतनी धनवान मत बनना | ऋतुराज
कभी इतनी धनवान मत बनना | ऋतुराज

कभी इतनी धनवान मत बनना | ऋतुराज

कभी इतनी धनवान मत बनना | ऋतुराज

कभी इतनी धनवान मत बनना कि लूट ली जाओ

सस्ते स्कर्ट की प्रकट भव्यता के कारण
हांग्जो की गुड़िया के पीछे वह आया होगा
चुपचाप बाईं जेब से केवल दो अँगुलियों की कलाकारी से
बटुआ पार कर लिया होगा

READ  तीलियाँ | अंजू शर्मा

सुंदरता के बारे में उसका ज्ञान मात्र वित्तीय था
एक लड़की का स्पर्श क्या होता है वह बिलकुल भूल चुका था

एक नितांत अपरिचित जेब में अगर उसे जूड़े का पिन
या बुंदे जैसी स्वप्निल-सी वस्तुएँ मिलतीं तो वह निराश हो जाता
और तब हांग्जो की लड़कियों के गालों की लालिमा भी
उसे पुनर्जीवित नहीं कर सकती थी

READ  पृथ्वी से रिश्ते तोड़ना

उस वक्त वह मात्र एक औजार था बाजार व्यवस्था का
खुले द्वार जैसी जेब में जिसे उसकी तेज निगाहों ने झाँककर देखा था
कि एक भोली रूपसी की अलमस्त इच्छाएँ उस बटुए में भरी थीं
कि बिना किसी हिंसा के उसने साबित कर दिया
सुंदर होने का मतलब लापरवाह होना नहीं है
कि अगर लक्ष्य तय हो तो कोई दूसरा आकर्षण तुम्हें डिगा नहीं सकता।

READ  उठे बादल, झुके बादल | हरिनारायण व्यास

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *