जिस समय में | कुँवर नारायण
जिस समय में | कुँवर नारायण
जिस समय में
सब कुछ
इतनी तेजी से बदल रहा है
वही समय
मेरी प्रतीक्षा में
न जाने कब से
ठहरा हुआ है !
उसकी इस विनम्रता से
काल के प्रति मेरा सम्मान-भाव
कुछ अधिक
गहरा हुआ है।
सब कुछ हिंदी में
जिस समय में | कुँवर नारायण
जिस समय में
सब कुछ
इतनी तेजी से बदल रहा है
वही समय
मेरी प्रतीक्षा में
न जाने कब से
ठहरा हुआ है !
उसकी इस विनम्रता से
काल के प्रति मेरा सम्मान-भाव
कुछ अधिक
गहरा हुआ है।