जमीन पर बैठकर खाना खाने से क्या फायदे होते हैं? कई लोग इस भागदोड कि जिंदगी में अपने खाने पर ज्यादा ध्यान नही देते है. जिसका कारण ये होता है कि खाना पचाने में दिक्कत आती है. वजन बढने लगता है और हाई ब्लड प्रेशर जैसी परेशानी होने लगती है. कभी कभी घुटनो के जोडो में या कमर में दर्द होने लगता है. इसका मुख्य कारण ये होता है कि हम खाना जमीन पर बैठकर नही खाते है. इन परेशानीयो से छुटकारा पाना है तो हमे खाना जमीन पर बैठकर खाना चाहिये और इसके बहोत से और भी फायदे है जीनमे हम कूच फायदे आगे देखने वाले है.

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पाचन क्रिया में सुधार

जमीन खाना खाना खाने बैठने के बाद अर्धपद्मासनकी स्थिती निर्माण होती है. और जमीन पर थाली होने के कारण हमे निवाला लेने के लिये हमेशा झुकणा पडता है. इन इस निरंतर शारीरिक गतिविधि के कारण, पेट में मांसपेशियों को उत्तेजना मिलती है और पाचन क्रिया में सुधार आता है.

वजन घटाने में मदद करता है

जमीन पर बैठने से वजन घटाने में मदद मिलती है। वजन बढ़ने का मुख्य कारण मानक से अधिक खाना है। जमीन पर भोजन करते समय, ‘वेगस नर्व्ह’ (पेट से दिमाग तक संकेत देने वाली) भूख और खाने का प्रमाण अच्छी तरह से रखती है. जमीन पर बैठकर खाना खाने से, खाने कि स्पीड कम हो जाती है और पेट और मस्तिष्क के समन्वय में सुधार होता है. परिणामस्वरूप, ज्यादा खाने कि प्रवृत्ती कम हो जाती है और वजन नियंत्रण में रहता है.

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लचीलापन बढ़ाता है

पद्मासन में बैठनेसे पीठ, कमर और पेट के पास के मांसपेशियों खिचाव आता है जिसका कारण पाचन क्रिया में सुधार आता है. मांसपेशियों खिचाव आने से शरीर लचीला और स्वस्थ बनने में मदद मिलती है.

मन शांत होता है और खाने पर ध्यान केंद्रित रहेगा

जमीन पर बैठकर खाना खाने से दिमाग शांत रहता है और आपक सारा ध्यान सिर्फ खाने पर हि रहता है. मन की अस्थिरता कम होने से खाने में से मिलने वाले पोषक तत्व शरीर अधिक सहजता से ग्रहण करने में समर्थ हो जाता है.

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परिवार में आपसी मेल बढता है.

दिन में कम से कम एकबार अपने परिवार के साथ भोजन का आनंद लेना चाहिये. दिनभर कि थकान और तनाव से राहत मिलती है. एक-दूसरे से बात करने से कुछ समस्याओं के रास्ते खोजने में भी मदद मिलती है, और परिवार में आपसी मेल बढ जाता है.