लंबी हो सकती थी
इनकी आयु
उल्लेखनीय हो सकती थीं
इनकी उपलब्धियाँ
इबारतों में हो सकती थी
इनकी महत्वपूर्ण जगह
होता यदि मुकम्मल इंतजाम
दो जून की रोटी का।
![इनकी आयु | प्रेमशंकर शुक्ला](https://www.hindiadda.com/wp-content/uploads/ha/2019/12/A84-1.png)
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लंबी हो सकती थी
इनकी आयु
उल्लेखनीय हो सकती थीं
इनकी उपलब्धियाँ
इबारतों में हो सकती थी
इनकी महत्वपूर्ण जगह
होता यदि मुकम्मल इंतजाम
दो जून की रोटी का।