एक बौनी बूँद | दिव्या माथुर
एक बौनी बूँद | दिव्या माथुर
एक बौनी बूँद ने
मेहराब से लटक
अपना कद
लंबा करना चाहा
बाकी बूँदें भी
देखा देखी
लंबा होने की
होड़ में
धक्का मुक्की
लगा लटकीं
क्षण भर के लिए
लंबी हुईं
फिर गिरीं
और आ मिलीं
अन्य बूँदों में
पानी पानी होती हुई
नादानी पर अपनी।