दिशा | केदारनाथ सिंह

दिशा | केदारनाथ सिंह

हिमालय किधर है?
मैंने उस बच्‍चे से पूछा जो स्‍कूल के बाहर
पतंग उड़ा रहा था

उधर-उधर – उसने कहा
जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी
मैं स्‍वीकार करूँ
मैंने पहली बार जाना
हिमालय किधर है?

केदारनाथ सिंह की रचनाये

होंठ | केदारनाथ सिंह

होंठ | केदारनाथ सिंह होंठ | केदारनाथ सिंह हर सुबहहोंठों को चाहिए कोई एक नामयानी एक खूब लाल और गाढ़ा-सा शहदजो सिर्फ मनुष्य की देह से टपकता है कई बारदेह से अलगजीना चाहते हैं होंठवे थरथराना-छटपटाना चाहते हैंदेह से अलगफिर यह जानकरकि यह संभव नहींवे पी लेते हैं अपना सारा गुस्साऔर गुनगुनाने लगते हैंअपनी जगह…

See also  जीने की इच्छा का ताप | प्रतिभा कटियारी

सृष्टि पर पहरा | केदारनाथ सिंह

सृष्टि पर पहरा | केदारनाथ सिंह सृष्टि पर पहरा | केदारनाथ सिंह जड़ों की डगमग खड़ाऊँ पहनेवह सामने खड़ा थासिवान का प्रहरीजैसे मुक्तिबोध का ब्रह्मराक्षस -एक सूखता हुआ लंबा झरनाठ वृक्षजिसके शीर्ष पर हिल रहेतीन-चार पत्ते कितना भव्य थाएक सूखते हुए वृक्ष की फुनगी परमहज तीन-चार पत्तों का हिलना उस विकट सुखाड़ मेंसृष्टि पर पहरा…

सूर्यास्त के बाद एक अँधेरी बस्ती से गुजरते हुए |केदारनाथ सिंह

सूर्यास्त के बाद एक अँधेरी बस्ती से गुजरते हुए | केदारनाथ सिंह सूर्यास्त के बाद एक अँधेरी बस्ती से गुजरते हुए | केदारनाथ सिंह भर लोदूध की धार कीधीमी-धीमी चोटेंदिये की लौ की पहली कँपकँपीआत्मा में भर लो भर लोएक झुकी हुई बूढ़ीनिगाह के सामनेमानस की पहली चौपाई का खुलनाऔर अंतिम दोहे कासुलगना भर लो…

See also  पका बाघ | फ़रीद ख़ाँ

सन ४७ को याद करते हुए | केदारनाथ सिंह

सन ४७ को याद करते हुए | केदारनाथ सिंह सन ४७ को याद करते हुए | केदारनाथ सिंह तुम्हें नूर मियाँ की याद है केदारनाथ सिंहगेहुँए नूर मियाँठिगने नूर मियाँरामगढ़ बाजार से सुरमा बेच करसबसे आखिर मे लौटने वाले नूर मियाँक्या तुम्हें कुछ भी याद है केदारनाथ सिंहतुम्हें याद है मदरसाइमली का पेड़इमामबाड़ा तुम्हें याद…

See also  आदि मानव | अनिल कुमार पुरोहित

सुई और तागे के बीच में | केदारनाथ सिंह

सुई और तागे के बीच में | केदारनाथ सिंह सुई और तागे के बीच में | केदारनाथ सिंह माँ मेरे अकेलेपन के बारे में सोच रही हैपानी गिर नहीं रहापर गिर सकता है किसी भी समयमुझे बाहर जाना हैऔर माँ चुप है कि मुझे बाहर जाना है यह तय हैकि मैं बाहर जाऊँगा तो माँ…

Loading…

Something went wrong. Please refresh the page and/or try again.