देर तक | प्रेमशंकर शुक्ला
फूलों की भाषा में
उसकी आँखों ने
बात की मुझसे
पत्तियों की सिहरन-भरा
देखता रहा
देर तक
उसे
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देर तक | प्रेमशंकर शुक्ला
फूलों की भाषा में
उसकी आँखों ने
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पत्तियों की सिहरन-भरा
देखता रहा
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