चिंता | जसबीर चावला

चिंता | जसबीर चावला

क्यों चिंतित हैं
आप ही हरदम
सुनता हूँ जब भी
बढ़ जाती
और भी चिंता
इन्हें भी
कोई चिंता नहीं

See also  नदी थक चुकी है