एक युवा भिखारी एक सिक्के की कामना करता है
रुखाई के खतरे के बावजूद
मैं उसकी परेशानी से प्रभावित नहीं होता
नवंबर मास के उस दिन
जब साफ आसमान में पूर्ण चंद्र चमक रहा था
प्रकृति अपने पूरे शबाब में थी
दिमाग में अजीब अजीब खयालात भुनभुना रहे थे
और ब्रह्मांड अजनबी नहीं लग रहा था
लेकिन अत्यंत गूढ़ चमकीली हवा में
चील के भव्य प्रसार में
एक युवा भिखारी एक सिक्के की कामना करता है
![चील की उड़ान](https://www.hindiadda.com/wp-content/uploads/ha/2020/01/चील-की-उड़ान--scaled.jpg)