माँ की गोदी में लेटकर
कहानी और लोरी सुनना
आज भी मुझे अच्छा लगता है
जब वह मेरे बालों को अपनी
उँगलियों से फेरती हैं
तो मैं अपने बचपन को
दुबारा जी रहा हूँ
क्या, मैं उस बचपन को
फिर से पा सकूँ या नहीं?
![बचपन](https://www.hindiadda.com/wp-content/uploads/ha/2020/01/बचपन-.jpg)
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माँ की गोदी में लेटकर
कहानी और लोरी सुनना
आज भी मुझे अच्छा लगता है
जब वह मेरे बालों को अपनी
उँगलियों से फेरती हैं
तो मैं अपने बचपन को
दुबारा जी रहा हूँ
क्या, मैं उस बचपन को
फिर से पा सकूँ या नहीं?