अस्तित्व | रेखा चमोली

अस्तित्व | रेखा चमोली

दुनिया भर की स्त्रियों
तुम जरूर करना प्रेम
पर ऐसा नहीं कि
जिससे प्रेम करना उसी में
ढूँढ़ने लगना
आकाश, मिटटी, हवा, पानी, ताप

तुम अपनी जमीन पर रोपना
मनचाहे पौधे
अपने आकाश में भर लेना
क्षमता भर उड़ान
मन के सारे ओने-कोने
भर लेना ताजी हवा से
भीगना जी भर के
अहसासों की बारिश में
आवश्यकता भर ऊर्जा को
समेट लेना अपनी बाँहों में

See also  न होने की गंध | केदारनाथ सिंह

अपने मनुष्य होने की संभावनाओं को
बनाए रखना
बचाए रखना खुद को
दुनिया के सौंदर्य व शक्ति में
वृद्धि के लिए
दुनिया के अस्तित्व को
बचाए रखने के लिए।