अकेला आदमी | नरेंद्र जैन
अकेला आदमी | नरेंद्र जैन

अकेला आदमी | नरेंद्र जैन

अकेला आदमी | नरेंद्र जैन

फूलों के बागीचे उसकी कमजोरी हैं 
मद्धिम रोशनी सुनता है वह 
रात-रात भर संगीत 
नजर अराजक है उसकी 
ढूँढ़ती है पत्थरों में चेहरे 
होने को हो सकता है वह एक गुलाम 
हालाँकि, मौजूद है उसमें 
तानाशाह होने की सारी संभावनाएँ 
लड़ सकता है निहत्था वह ईश्वर से 
मौत से अपना पंजा मिला सकता है 
राष्ट्रव्यापी शोक के अवसर पर 
आपको रुला सकता है 
बेरहमी से नोंच सकता है पंख परिंदों के 
मुस्कराता हुआ 
प्रेम में डूबा हुआ 
बेरहमी से पीट सकता है औरत को चाबुक से वह 
रंग उसकी कमजोरी है 
दिमाग अराजक 
बचा सकता है समुद्र में डूबते आदमी को 
हालाँकि, हत्यारा होने की 
सारी संभावनाएँ मौजूद हैं उसमें

हमारी नाव | नरेंद्र जैन

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हज़ारासिंग का गिटार | नरेंद्र जैन

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सावित्री | नरेंद्र जैन

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सरकार का इस तरह होना | नरेंद्र जैन

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सूखी नदी | नरेंद्र जैन

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विलाप | नरेंद्र जैन

विलाप | नरेंद्र जैन विलाप | नरेंद्र जैन (संदर्भ : दंगाग्रस्त भोपाल) वनस्पतियों, फलों और कोमल चीजों को काटता हुआ जब प्रविष्ट होता है मनुष्य की देह में तब विलाप कर रहा होता है चाकू वह धार-धार रोता है और दाँत पीसते हत्यारे मुस्कराते हैं यातना बढ़ती है और जले हुए कमरे में रखे हारमोनियम से फूटती है एक उदास धुन जहाँ खून जम रहा…

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वर्णन | नरेंद्र जैन

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व्यवस्था | नरेंद्र जैन

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वे | नरेंद्र जैन

वे | नरेंद्र जैन वे | नरेंद्र जैन एक दरवाजा वहाँ खुला हुआ है उन्होंने एक दरवाजा मेरे लिए खुला रखा है वे सब एक दरवाजे के पीछे खड़े मेरा इंतजार करते हैं वे सोचते हैं मैं कभी खुले दरवाजे में प्रवेश करूँगा वे सब बेहद चालाक हैं उन्होंने एक दरवाजा मेरे लिए खुला रख छोड़ा है

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