अध्यारोहण है यह | प्रांजल धर
अध्यारोहण है यह | प्रांजल धर

अध्यारोहण है यह | प्रांजल धर

अध्यारोहण है यह | प्रांजल धर

अध्यारोहण है यह बौद्धिकों की स्वार्थ पताकाओं का।
अपने ही देश में पराए हैं
वंचनाबोध से ग्रस्त नवयुवक कुछ,
जला दी गईं हैं कुछ प्रेमिकाएँ बगल वाले गाँव में
अपने ही घरों में;
सह नहीं पाती कोई कार्यकारिणीपूर्वोत्तर के पहाड़ी अक्षांशों में
दूर तक पसरे विध्वंसक सन्नाटे को,
चुप्पियों का कब्रिस्तान ही संविधान है जहाँ का।

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अध्यारोहण है यह बौद्धिकों की स्वार्थ पताकाओं का।
सभी लोगों ने अपने संगमरमर से लैस
घरों के आगे दो मीटर तक अवैध कब्जाजमाया हुआ है,
कारें खड़ी करने और गमले रखने के लिएचर्चित महानगरों में।
तलाशती है विकल्प अपने,
एक छोटी-सी कुपोषित बच्ची,
गुलाब के काँटों से खेलती है।
ऊपर उड़ रहे वायुयानों की पंक्ति
और उनकी देर तक कानों में गूँजती
ध्वनियाँप्रतीक हैं बाढ़ग्रस्त अंचल के ऐतिहासिक दौरे की।
अध्यारोहण है यह… 

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