मुझे आईना देखते हुएडर लगता हैकहीं वह मेरे अंदर केउस दूसरे चेहरे कोन दिखाएजिसे मैं भी देखना नहीं चाहता हूँ! READ तुम्हें बाँध पाती सपने में ! | महादेवी वर्मा