गुलाब का सुख
गुलाब का सुख

गुलाब का सुख
काँटा की चुभन के साथ है
जो सह लेते हैं काँटे
वे जीते हैं गुलाब

हर काल में
काल आया
कला को साथ लाया
कलाकारों के लिए
शब्दों को
गुलाब की तरह रखा
कागज की क्यारी में

READ  छह दिसंबर | नरेश सक्सेना

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *