मुझे लिखनी हैं कई जीवन कथामुझे कहनी हैं कई बातेंकैसे कहूँकिस विधा में कहूँ?कविता, कहानी या उपन्यास?मैं चुनूँगा कविता कोकविता मेरे औरआप लोगों के बीचकी दूरी को कमकरती हैमेरी बात को आप तकपहुँचाती हैऔर उससे भी बढ़करकविता मेरे लिएजिंदगी है! READ यह जो हरा है | प्रयाग शुक्ला