वहाँ तरह-तरह की वनस्पतियाँ थीं
बरगद के वन
महुआ के जंगल
और फलों से लदी अमराइयों के पार
सब्जियों की लंबी कतार में भटक रहा था – मैं
अचानक उसने मेरा रास्ता रोक कर कहा –
‘आइए! बाईसवीं सदी में आपका स्वागत है’
वह एक हरी मिर्च थी।
![हरी मिर्च3](https://www.hindiadda.com/wp-content/uploads/ha/2020/01/हरी-मिर्च3.jpg)
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वहाँ तरह-तरह की वनस्पतियाँ थीं
बरगद के वन
महुआ के जंगल
और फलों से लदी अमराइयों के पार
सब्जियों की लंबी कतार में भटक रहा था – मैं
अचानक उसने मेरा रास्ता रोक कर कहा –
‘आइए! बाईसवीं सदी में आपका स्वागत है’
वह एक हरी मिर्च थी।