सब कुछ इसके सामने होता है

इसका टिकटिकाना देर तक गूँजता है
यही इसकी पुकार है चुप्पी में
यही इसका विरोध

सब कुछ देखने वाली घड़ी
कभी गवाही नहीं देती।

See also  डरना मत | रेखा चमोली