फुर्सत | रेखा चमोली
फुर्सत | रेखा चमोली

फुर्सत | रेखा चमोली

फुर्सत | रेखा चमोली

दाल में नमक जितनी
घर में आँगन जितनी
सन्नाटे में सरगम जैसी
सुंदरता में विनम्रता जैसी
मुझे
तुम्हारी
थोड़ी सी
फुर्सत चाहिए।

READ  उपन्यास में झाँक कर देखा | प्रफुल्ल शिलेदार

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *