जो तुम आ जाते एक बार | महादेवी वर्मा
जो तुम आ जाते एक बार | महादेवी वर्मा

जो तुम आ जाते एक बार | महादेवी वर्मा

जो तुम आ जाते एक बार | महादेवी वर्मा

जो तुम आ जाते एक बार !

कितनी करुणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार !
जो तुम आ जाते एक बार !

READ  प्रयाग का मेला | रविकांत

हँस उठते पल में आद्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार !
जो तुम आ जाते एक बार !

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *