चुप्पी ने | प्रेमशंकर शुक्ला | हिंदी कविता
चुप्पी ने | प्रेमशंकर शुक्ला | हिंदी कविता

उस दिन
आवाज ने नहीं
चुप्पी ने साथ दिया मेरा

बिगाड़ा चुप्पी ने ही
उस दिन
मेरे ईमान को।

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