बहुत-सी तस्वीरें समेटे
एक एलबम हूँ
इतने सारे दृश्यों से जड़ा
भरा हुआ इतनी छवियों से
यह टूटी हुई-बिखरी हुई
किसकी छवि है
ये लकीरें किन मर्मों तक पहुँच हैं
क्यों हूँ ऐसा
कि न पूरा कह पाता हूँ
न रह जाता हूँ
चुप ही
सब कुछ हिंदी में
बहुत-सी तस्वीरें समेटे
एक एलबम हूँ
इतने सारे दृश्यों से जड़ा
भरा हुआ इतनी छवियों से
यह टूटी हुई-बिखरी हुई
किसकी छवि है
ये लकीरें किन मर्मों तक पहुँच हैं
क्यों हूँ ऐसा
कि न पूरा कह पाता हूँ
न रह जाता हूँ
चुप ही