आँखें तरेरतीमुश्किलें आँखेंपगड़ी पहनेदुख आयासुख आयाइतना छोटाकि उसे बड़ा करने मेंजीवन बीत गया। READ चिड़िया नहीं उड़ी | राघवेंद्र तिवारी