पत्र-पेटी | प्रयाग शुक्ला

पत्र-पेटी | प्रयाग शुक्ला

इस सुदूर गाँव में
टँगी हुई पत्र-पेटी
एक पेड़ के तने से –

डालता हूँ तुम्हें चिट्ठी
पहुँचे तो
पढ़ना जरूर !

See also  हवा में उछलते हुए | अभिज्ञात