अधूरी चीजें तमाम | प्रयाग शुक्ला
अधूरी चीजें तमाम | प्रयाग शुक्ला
अधूरी चीजें तमाम
दिखती हैं
किसी भी मोड़ पर
करवटों में मेरी
अधूरी नींद में
हाथ जब लिखने लगता है कुछ,
जब उतर आती है रात
सब कुछ हिंदी में
अधूरी चीजें तमाम | प्रयाग शुक्ला
अधूरी चीजें तमाम
दिखती हैं
किसी भी मोड़ पर
करवटों में मेरी
अधूरी नींद में
हाथ जब लिखने लगता है कुछ,
जब उतर आती है रात