दरवाज़ों के पीछे एक जंगल है | पंकज चतुर्वेदी
दरवाज़ों के पीछे
एक जंगल है
दरवाज़ों के आगे
और भी बड़ा जंगल है
जब दरवाज़े
इस भीषण जंगल में-से
गुज़रते हैं
तब उन्हें
कोई नहीं देखता
सब कुछ हिंदी में
दरवाज़ों के पीछे
एक जंगल है
दरवाज़ों के आगे
और भी बड़ा जंगल है
जब दरवाज़े
इस भीषण जंगल में-से
गुज़रते हैं
तब उन्हें
कोई नहीं देखता