सिग्नल | नीरज पांडेय
सिग्नल | नीरज पांडेय

सिग्नल | नीरज पांडेय

सिग्नल | नीरज पांडेय

यह जो कुछ भी हो रहा है 
भारी वारिस और खराब मौसम के 
कारण बिल्कुल नहीं है

फिर भी अगर आप 
मौसम साफ होने तक जोह कर रहे हैं 
तो ये आपकी सिधाई और बड़प्पन है 
अगर ज्यादा देर तक 
इस सिधाई और बड़प्पन को 
अपने पास धरे रहोगे 
तो तुम्हारी लुटिया वहाँ बूड़ेगी 
जहाँ पानी के छिट्टे भी नहीं पड़ते 
ये बात तय जानो

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अगर मौसम साफ हो गया 
और सिग्नल की समस्या जारी रही 
तब क्या करोगे? 
न तो कोई टोल फ्री नंबर है तुम्हारे पास 
और न ही सेट-टॉप बॉक्स बंद कर सकते हो अपना 
स्थितियाँ इस कदर लपटिया जाएँगी 
कि न तीन के रहोगे न तेरा के 
न समाज के रहोगे न डेरा के 
न तुरुक में रहोगे न बेहना में

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इससे पहले 
कि आपरेटर साहब 
अंडरग्राउंड वायरिंग करवा के 
सब कुछ सिरमिट के पक्के गारे से जाम करवा दें 
और तुम्हें तुम्हारा तार न चिन्हाई दे 
अपनी बेतार का तार बनी जिंदगी में 
कोई चिन्हान लगाइए 
और अपना सिग्नल खुद सेट करिए 
फिर अपनी पसंद का गाना गाते हुए 
सारे कार्यक्रमों का आनंद उठाइए!

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