चिंता | नीरज पांडेय
चिंता | नीरज पांडेय

चिंता | नीरज पांडेय

चिंता | नीरज पांडेय

कौन हैं 
ये बदमाश लोग?

जो 
भूख 
हत्या 
बलात्कार 
की लगातार बात कर रहे हैं

क्या इन्हें नहीं पता बीरबल 
कि हम नए राष्ट्र का मुँह बना रहे हैं 
हाथ गोड़ बनाना अभी बाकी है

भूख 
हत्या 
बलात्कार बनते हुए मुँह के शृंगार हैं

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इन बदमाश लोगों से कहो बीरबल 
शृंगार में खलल न डालें 
हमें चिंता हो रही है 
समय कम है 
पूरा राष्ट्र बनाना है 
कुछ करो बीरबल 
इन बोलते बदमाशों का 
और तब बीरबल बाँही बटोरे तिलक लगाये 
भाला लेकर निकल लेता है 
नरियाते हुए 
कि बोलोगे तो पेले जाओगे 
हुकुम है सरदार का 
चुपमारके बैठे रहो!

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