हिंदी चमक रही है | नीरज कुमार नीर
हिंदी चमक रही है | नीरज कुमार नीर

हिंदी चमक रही है | नीरज कुमार नीर

हिंदी चमक रही है | नीरज कुमार नीर

भारत के अंबर पर देखो
सूर्य सी हिंदी चमक रही है
माँ भारती के उपत्यका में
खुशबू बनकर महक रही है

विभिन्न प्रांतों का सेतुबंधन
सरल सर्वजन सर्वप्रिय है
दक्षिण से उत्तर पूर्व पश्चिम
दम दम दम दम दमक रही है

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संस्कारों की वाहक हिंदी
सभी भाषाओं में यह गंगा
प्रगति पथ पर नित आरूढ़ ये
पग नवल सोपान धर रही है

यूरोप अमेरिका ने माना
है यह भाषा समर्थ सक्षम
अखिल वसुंधरा के क्षितिज पर
इक विश्व भाषा उभर रही है

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