भरम | निशांत
भरम | निशांत

भरम | निशांत

भरम | निशांत

हाथ में चाकू ले
रात को कई टुकड़ों में काट डाली

नींद, किस चिड़िया का नाम है?

दिन के कुछ हिस्सों को

बाल्टी में डाल, फींच कर
अलगनी पर उल्टा लटका आई

दिन क्या होता है?

रात दिन एक भरम है

मालिक कहता है
– कामचोर कहीं की
कल समय से आना
या मत आना।

READ  धरती का गीत | प्रेमशंकर शुक्ला | हिंदी कविता

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *