अजाने जाने का अभिनय चला था नियम से,
चलेगा आगे भी, जन जन इसे जान कर ही
करेंगे भावों का विनिमय, नहीं और पथ है;
लड़ाई आत्मा को कुचल कर ही शक्ति प्रद हो।

See also  इतिहास की आशा | विश्वनाथ-प्रसाद-तिवारी