सायलेंट अल्फाबेट्स | कुमार अनुपम
सायलेंट अल्फाबेट्स | कुमार अनुपम

सायलेंट अल्फाबेट्स | कुमार अनुपम

उनके पास

अपनी ध्वनि थी

अपनी बोली थी

फिर भी

गूँगे थे वे

स्वीकार था उन्हें

अपने स्वर का तिरस्कार

इसलिए वे

अंग्रेजी के अरण्य में रहते थे

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